‘फलों का राजा’ आम भारत का राष्ट्रीय फल है। दुनिया भर में इसकी एक हजार से भी ज्यादा किस्में मिलती है। यह रसीला फल खाने में तो यह लाजवाब है ही, गुणों में भी बेमिसाल है। आम न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है।
औषधि प्रयोग में इसके छिलके, गुठली व रस बहुत उपयोगी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, सी, और बी कॉम्प्लेक्स, फाइबर और कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, लौह जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं।
इस लोकप्रिय फल के और भी कई गुण हैं-
- सिरदर्द में आम की गुठली के भीतर की गिरी और हरड़ को बराबर मात्रा में दूध के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करने से लाभ होता है।
- आमरस 200 ग्राम, अदरक का रस 10 ग्राम और दूध 250 ग्राम मिलाकर पीने से शारीरिक व मानसिक दुर्बलता नष्ट होती है व स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- आम का दूध के साथ सेवन, स्वादिष्ट और रुचिवर्धक होने के साथ- साथ वातपित्त कफनाशक, बलवर्धक और पौष्टिक होता है।
- आम के पत्तों का रस निकालकर हल्का सा गर्म करके कुछ बूँद कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।
- बच्चों को मिट्टी खाने की आदत छुड़ाने के लिए आम की गुठली की गिरी का चूर्ण पानी में मिलाकर दिन में 2-3 बार पिलाने से फायदा होता है तथा पेट के कीड़े भी मर जाते हैं |
- पका हुआ आम भूनकर ठंडा करे, फिर धीरे -धीरे चूसें| इससे सूखी खांसी में लाभ होता है |
- रात को आम की कोमल पत्तियों को पानी में भिगो कर, सुबह इन्हें उबाल कर पीने से मधुमेह में लाभ होता है।
- आम खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से पेट साफ़ होता है और कब्ज़ से छुटकारा मिलता है |
- आम की गुठली की गिरी सुखाकर इसका बारीक़ चूर्ण बनाकर मंजन की तरह प्रयोग करने से दांतों के सभी रोगों में लाभ होता है |
- यदि दस्त लग गए हों तो आम की गुठली को पानी में पीसकर नाभि पर लेप करने से आराम मिलता है।
- कच्चे आम का पना बना कर पीने से लू तथा गर्मी का प्रभाव कम हो जाता है।
- कच्चे आम का चुटकी भर नमक के साथ सेवन गर्मियों में उच्च तापमान से बचाता है और शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
- फोड़े-फुंसियों में आम की छाल पानी में घिसकर लगाने आराम होता है।
- ततैया, बिच्छू या मकड़ी के काटने पर अमचूर को पानी में पीसकर विषैले स्थान पर लगाने से विष और फफोले में शीघ्र आराम होता है।
- नक्सीर होने पर आम की गुठली की गिरी के रस की दो बूँदें नाक में डालने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।
- आम के पेड़ की छाल का काढा बनाकर घाव पर लगाने से वह जल्दी भर जाता है।
- गले के रोग में आम के पत्तों को जलाकर गले के अंदर धूनी देने से गले के रोग दूर होते हैं।
- आम के सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बेहतर विकसित होती है।
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