डेंगू वायरस जनित बीमारी है जो एडीज मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के शुरुआती लक्षणों में रोगी को तेज ठंड लगती है; तेज बुखार, बदन दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
डेंगू से बचाव के तरीके
चूंकि डेंगू मच्छरों द्वारा संक्रमित होता है इसलिए सबसे अधिक जरूरी है कि मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दें। सर्वप्रथम यह प्रयास करें कि अपने घर के आसपास पानी न जमा होने दें। यदि आसपास कोई गड्ढा हो, तो उसे मिट्टी से भर दें जिससे उनमें पानी न रूके और मच्छरों को पनपने का अवसर न मिले। यदि यह सम्भव न हो, तो उसमें उसमें मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल डाल दें।
डेंगू के मच्छर साफ पानी में उत्पन्न होते हैं, इसलिए कूलर और पक्षियों के बर्तनों का पानी रोजाना बदलें। घरों की खिड़कियों, रोशनदानों आदि में जाली का उपयोग करें। घर के आसपास मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव कराए। शरीर के अधिकाधिक भाग को कपडे से ढ़क कर रखे। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। रोगग्रसित मरीज का उपचार योग्य चिकित्सक
के निर्देशन में
तुरंत शुरू करें।
डेंगू से बचाव के घरेलू उपचार-
- पपीते के ताज़ा पत्ते डेंगू रोगी के लिए महा औषधि का काम करते है। इसकी पत्तियों को पीसकर रस निकाल लें। कड़वेपन को दूर करने के लिए इसमें संतरे का रस या शहद मिलाया जा सकता है। दिन में एक-दो बार इसका सेवन करे।
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार देना भी डेंगू के उपचार में प्रभावशाली है।
- तुलसी के पत्तो का शहद के साथ रोज़ सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर होती है।
- विटामिन-सी की अधिकता वाली चीजें जैसे आंवला, नीम्बू, संतरा व मौसमी पर्याप्त मात्रा में लें, इससे रोगी की पाचन शक्ति व प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है।
- अदरक की चाय बुखार को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से रोगी को आराम मिलता है।
- यदि मरीज़ को उल्टियाँ हो, तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
- शरीर में जल की कमी को पूरा करने के लिए मरीज को पानी, नारियल पानी व फलों के रस बार-बार सेवन करते रहना चाहिए।
रोगी को खुली हवा में रहना, पूर्णतः आराम करना व पर्याप्त मात्रा में भोजन-पानी लेना अति आवश्यक है।