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12 नव॰ 2013

तुलसी के औषधीय गुण

तुलसी
तुलसी (वानस्पतिक नाम: ओसीमम सैन्कटम) औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति है। इसी वजह से आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी लगाई जाती है उस घर में भगवान वास करते हैं। इस वनस्पति को हमारे घरों में देवी के रूप में पूजा जाता है. तुलसी कई प्रकार की बीमारिया जैसे त्वचा संबंधित रोग, दंत रोग, जुकाम, खांसी, दमा, बुखार, निमोनिया और अतिसार में चमत्कारी रूप से अपना असर दिखाती है। आइये जानते हैं कि किस प्रकार से तुलसी तरह-तरह की बीमारियों में फायदेमंद है-
  • तुलसी पत्र मिला हुआ पानी पीने से कई रोग दूर हो जाते हैं।
  • कफ से राहत पाने के लिए -१० तुलसी की  पत्तिया ले और पानी में उबाले.  दिन में दो बार यह पानी पीने से आराम मिलता हैं.
  • लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर - बार लगाने से सिर  दर्द में राहत मिलती हैं.
  • मुँहासे के लिए, तुलसी के पत्ते, नींबू का रस और पुदीने का मिश्रण प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से फायदा होता है.
  • बुखार में,10 ग्राम तुलसी पानी में उबालें जब तक पानी आधे से कम हो जाये. स्वाद के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाये और पी ले. इस उपचार से पसीना आता है और बुखार से राहत मिलती है.
  • जूँ से छुटकारा पाने के लिए, सोने से पहले तकिये के चारों ओर एक मुट्ठी भर तुलसी के पत्तों को फैला दे.
  • नियमित रूप से तुलसी के तेल से सिर की मालिश बालों का झड़ना नियंत्रण करती है.
  • दो चम्मच तुलसी रस, एक कप मूली रस, गुड़ के साथ मिलाकर पीने से पीलिया रोग में राहत मिलती हैं.
  • कीट / मकड़ी के काटने पर तुलसी के पत्ते हल्दी के साथ पीस कर प्रभावित क्षेत्र पर लेप लगाने से फायदा होता है.
  • सर्दी और खांसी के लिएचाय तैयार करते समय, 2 3 काली मिर्च पाउडरअदरकएक लौंग और कुछ तुलसी के पत्ते डाल कर पीये.

12 अक्तू॰ 2013

डेंगू से बचाव: आओ करें प्राकृतिक उपचार

डेंगू
डेंगू से बचाव: आओ करें प्राकृतिक उपचार
डेंगू एक रोग हैं जो एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से होता है। यह रोग अचानक तीव्र ज्वर के साथ शुरू होता है, जिसके साथ साथ तेज सिर दर्द होता है, मांसपेशियों तथा जोडों मे भयानक दर्द होता है. इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। 

इसके अलावा पेट खराब हो जाना, पेट दर्द होना, कमजोरी, दस्त लगना, ब्लेडर की समस्या, निरंतर चक्कर आना, भूख ना लगना जैसे लक्षण उभर सकते हैं. कई मामलों में यह रोग जानलेवा रूप भी ले सकता है। 

इन दिनों डेंगू बड़ी तेज़ी से फ़ैल रहा है! इस भयानक बीमारी से बचाव के उपाय करना ही बेहतर है, ताकि आप स्वस्थ् रहे! इस पोस्ट में पढ़िये डेंगू से बचाव में सहायक कुछ प्राकृतिक उपचार-
  • तुलसी व नीम के ५ -५ पत्ते पानी के साथ एक सप्ताह तक ले। यह उपचार डेंगू से बचाव में सहायक होगा.
  • सुबह खाली पेट तुलसी के ३ पत्ते नियम से खाये.
  • नीम व तुलसी के पत्ते, सौंठ, काली मिर्च, अजवायन व सेंधा नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन करे.
  • डेंगू से बचाव के लिये, नींबू की चाय (बिना दूध की) पीना लाभकारी है .
  • रोजाना दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीना सेहत के लिये फायदेमंद है. साथ ही डेंगू से बचाव का आसान उपाय है
  • १० ग्राम काला जीरा, ५ ग्राम सफ़ेद जीरा, २ ग्राम बीज रहित मुनक्का ले. इन्हे पीसकर गोली बना ले व दिन में तीन बार एक एक गोली पानी से ले.
  • घर में नीम के सूखे पत्तों की धुनी देना मच्छरों को काबू करने हेतु प्रभावी विधि है.