तुलसी (वानस्पतिक नाम: ओसीमम सैन्कटम) औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति है। इसी वजह से आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी लगाई जाती है उस घर में भगवान वास करते हैं। इस वनस्पति को हमारे घरों में देवी के रूप में पूजा जाता है. तुलसी कई प्रकार की बीमारिया जैसे त्वचा संबंधित रोग, दंत रोग, जुकाम, खांसी, दमा, बुखार, निमोनिया और अतिसार में चमत्कारी रूप से अपना असर दिखाती है। आइये जानते हैं कि किस प्रकार से तुलसी तरह-तरह की बीमारियों में फायदेमंद
है-
- तुलसी पत्र मिला हुआ पानी पीने से कई रोग दूर हो जाते हैं।
- कफ से राहत पाने के लिए ८-१० तुलसी की पत्तिया ले और पानी में उबाले. दिन में दो बार यह पानी पीने से आराम मिलता हैं.
- ६ लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २- ३ बार लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती हैं.
- मुँहासे के लिए, तुलसी के पत्ते, नींबू का रस और पुदीने का मिश्रण प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से फायदा होता है.
- बुखार में,10 ग्राम तुलसी पानी में उबालें जब तक पानी आधे से कम न हो जाये. स्वाद के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाये और पी ले. इस उपचार से पसीना आता है और बुखार से राहत मिलती है.
- जूँ से छुटकारा पाने के लिए, सोने से पहले तकिये के चारों ओर एक मुट्ठी भर तुलसी के पत्तों को फैला दे.
- नियमित रूप से तुलसी के तेल से सिर की मालिश बालों का झड़ना नियंत्रण करती है.
- दो चम्मच तुलसी रस, एक कप मूली रस, गुड़ के साथ मिलाकर पीने से पीलिया रोग में राहत मिलती हैं.
- कीट / मकड़ी के काटने पर तुलसी के पत्ते हल्दी के साथ पीस कर प्रभावित क्षेत्र पर लेप लगाने से फायदा होता है.
- सर्दी और खांसी के लिए, चाय तैयार करते समय, 2 3 काली मिर्च पाउडर, अदरक, एक लौंग और कुछ तुलसी के पत्ते डाल कर पीये.
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