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31 दिस॰ 2014

करेले (Bitter Gourd) के स्वास्थ्य लाभ


करेले के गुणों से सब परिचित हैं। करेला बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है। कड़वी लौकी का रस पीने या एक महीने के लिए हर सुबह छाछ के साथ इसे लेने से इस दर्दनाक बीमारी से छुटकारा प्राप्त करने में फायदेमंद होगा। करेला फाइबर में उच्च है और इसलिए कब्ज से बचाता है। यह आमाशय रस का स्राव उत्तेजक द्वारा पेट संबंधी विकारों का इलाज कर सकते हैं। यह अपच से पीड़ित के लिए अत्यधिक लाभकारी है। करेला फोड़े और खुजली का इलाज करने के लिए भी फायदेमंद है।

करेला उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम कर देता है इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी है। यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाता है। इसका रस रक्त में शर्करा की मात्रा पर नियंत्रण रखने के लिए खाली पेट पर सुबह लिया जा सकता है। करेला संक्रमण और रोगों के खिलाफ हमारे शरीर की लड़ व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए भी फायदेमंद है। 
करेला पत्र का पैरों के तलवों पर लेप करने से दाह का शमन होता है। करेले के रस में जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से शीत-ज्वर में लाभ होता है। करेला आंख की समस्याओं के इलाज और दृष्टि में सुधार में मदद करता है। इसमें बीटा कैरोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है।  


करेले के ताजे फलों अथवा पत्तों को कूटकर रस निकालकर गुनगुना करके - बूँद कान में डालने से कान दर्द लाभ होता है। सूखे करेले को सिरके में पीसकर गर्म करके लेप करने से कंठ की सूजन मिटती है।

8 मार्च 2014

स्वस्थ रहने के घरेलु उपाय

प्राकृतिक उपचार
हमारी रसोई में ऐसी कई चीज़े है जिनका सेवन हम रोजाना करते हैं पर उनके गुणो से अनजान रहते हैं। यह सिर्फ हमारे खाने का स्वाद ही नहीं बढाती, बल्कि अगर इन्हे घरेलू उपचार के तौर पर इस्तमाल किया जाये, तो काफी कारगर साबित हो सकती हैं।  आईए, इस पोस्ट में जाने, आम बिमारियो के कुछ घरेलु उपचार, जिनको अपनाकर आप कई बीमारियां का इलाज घर बैठे कर सकते हैं।
  1. सर्दी जुकाम की समस्या है तो काली मिर्च, अदरक, तुलसी को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार लें। 
  2. गले में खराश या ड्राई कफ होने पर अदरक के पेस्ट में गुड़ और घी मिलाकर खाएं। आराम मिलेगा।
  3. तिल के तेल में कालीमिर्च पाउडर मिलाकर गर्म करें। इससे पक्षाघात में निष्क्रिय हुए हिस्सों की नियमित रूप से मालिश से राहत मिलती है।
  4. दाद होने पर सूखी नीम हल्दी पाउडर समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाएं। इसे एक घंटा लगाकर धो लें।
  5. चंदन पाउडर में दूध और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाए व एक्जिमा के स्थान पर लगाएं। सूखने पर गुनगुने पानी से नहाएं।
    प्राकृतिक उपचार
  6. पान के पत्तों पर हल्का-सा तेल लगाकर गैस पर गर्म करें। इसे मोच वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है और सूजन भी कम होगी।
  7. अचानक हाथ जल जाने पर तेज जलन होने की स्थिति में प्याज को आधा काटकर जलन वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।
  8. खाना खाने के बाद एक लहसुन की कली को चार मुनक्का के साथ लेने से बार-बार होने वाली गैस की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पेट दर्द में भी फायदा होगा।
  9. सांस की बदबू दूर करने के लिए रोज तुलसी के पत्ते चबाएं।
  10. मधुमेह के रोगी 1-1 चम्मच आवंला, हल्दी व गिलोय सुबह और रात को 150-200 गर्म पानी मे डाल दें 12 घंटे बाद पानी छान लें और उसमे 1 चम्मच शहद मिला कर ½ से 1 ग्राम सुबह शाम लें|
  11. अगर बाल झड़ रहे हो, नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
  12. शरीर की दुर्गध से निजात पाने के लिए नहाने से पहले शरीर पर बेसन और दही का पेस्ट लगाएं। इससे त्वचा साफ हो जाती है और बंद रोम छिद्र भी खुल जाते हैं। गाजर का जूस रोज पिएं। तन की दुर्गध दूर भगाने में यह कारगर है।
  13. कुछ दिनों तक लगातार आधा चम्मच मैथी दाना पॉउड़र पानी के साथ लेने से उच्च रक्त चाप में लाभ होता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से भी उच्च रक्त चाप में लाभ होता है।
  14. चोट लगने पर नमक में काले तिल, सूखा नारियल और हल्दी मिला कर पीस कर गरम कर चोट वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।
  15. पैर में मोच जाने पर पान का पत्ता या आम का पत्ते को चिकना कर नमक लगा कर उस स्थान पर बांधने से काफी लाभ होता है।