करेले के गुणों से सब परिचित हैं। करेला बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है। कड़वी लौकी का रस पीने या एक महीने के लिए हर सुबह छाछ के साथ इसे लेने से इस दर्दनाक बीमारी से छुटकारा प्राप्त करने में फायदेमंद होगा। करेला फाइबर में उच्च है और इसलिए कब्ज से बचाता है। यह आमाशय रस का स्राव उत्तेजक द्वारा पेट संबंधी विकारों का इलाज कर सकते हैं। यह अपच से पीड़ित के लिए अत्यधिक लाभकारी है। करेला फोड़े और खुजली का इलाज करने के लिए भी फायदेमंद है।
करेला उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम कर देता है इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी है। यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाता है। इसका रस रक्त में शर्करा की मात्रा पर नियंत्रण रखने के लिए खाली पेट पर सुबह लिया जा सकता है। करेला संक्रमण और रोगों के खिलाफ हमारे शरीर की लड़ व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए भी फायदेमंद है।
करेला पत्र का पैरों के तलवों पर लेप करने से दाह का शमन होता है। करेले के रस में जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से शीत-ज्वर में लाभ होता है। करेला आंख की समस्याओं के इलाज और दृष्टि में सुधार में मदद करता है। इसमें बीटा कैरोटीन उच्च मात्रा में पाया जाता है।
करेले के ताजे फलों अथवा पत्तों को कूटकर रस निकालकर गुनगुना करके १-२ बूँद कान में डालने से कान दर्द लाभ होता है। सूखे करेले को सिरके में पीसकर गर्म करके लेप करने से कंठ की सूजन मिटती है।
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